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Difference Between Back & Grace

Back Kya Hota Hai | Grace Kya Hota Hai |All Information 


  आज के इस पोस्ट में मैं आप लोगों को आपकी पढ़ाई में उपयोग किए जाने वाले कुछ शब्दों के बारे में बताऊंगा और उनके बारे में भी मैं जानकारी देने की पूरी कोशिश करूंगा, इस पोस्ट में ।

 तो अगर आप लोगों के मन में भी कुछ इस प्रकार के प्रश्न है जैसे :- बैक क्या होता है? 

          ग्रेस क्या होता है?

 इन दोनों में क्या अंतर है?

 इस तरीके के प्रश्न अगर आप लोगों के मन में उठते हैं, अगर आप लोग भी इनके बारे में जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।

Back Kya Hota hai




🔴 बैंक क्या होता है ? ( Back Kya Hota Hai )  :- 

   बहुत से स्टूडेंट्स जब वह पढ़ाई करते हैं जैसे इंजीनियरिंग हो गया , मेडिकल हो गया और बहुत सारे क्षेत्र तो उन्हें यह देखने को मिलता है कि किसी का इस सब्जेक्ट में बैंक लग गया किसी का उस सब्जेक्ट में बैक लग गया। यह बैंक क्या होता है।


  दोस्तों जब कोई छात्र पढ़ रहा होता है और उसका किसी सब्जेक्ट में कम नंबर आता है या फिर कहते हैं कि वह उस सब्जेक्ट में फेल हो गया है तो उसे एक नए भाषा के रूप में यह कहा जाता है कि इस छात्र का उस विषय में बैक लग गया है।

 बैक लगने का मतलब यह नहीं है कि छात्र उस सब्जेक्ट में अब हमेशा के लिए फेल हो चुका है, उसे और भी मौके दिए जाएंगे। उसे उस विषय का पेपर देने के और भी मौके मिलेंगे जिसमें अगर वह पास हो जाता है तो उसका उस सब्जेक्ट से बैक हट जाता है।



   किसी विषय में बैक लगने का सबसे अच्छा अच्छी बात यही है कि हर छात्र को उसको दोबारा से उसका पेपर देने का मौका मिलता है।


🔴 बैक कब लगता है? ( Back Kab Lagta Hai ) :-

 दोस्तों एक सवाल यह भी हर छात्र के मन में रहता है कि बैक कब लगता है तो दोस्तों मैंने अभी ऊपर आप लोगों को बताया कि बैंक क्या होता है और दोस्तों जो बैंक होता है वह हमेशा 1st, 3rd, 5th सेमेस्टर में लगता है, यानी कि जो विषम सेमेस्टर परीक्षा होते हैं उन्हीं में, विषयों में बैक लगता है जिसको वह सम सेमेस्टर में दोबारा से परीक्षा देकर पास हो सकते हैं।



🔴 ग्रेस क्या होता है? ( Grace Kya Hota Hai ) :-

 जब छात्र  पढ़ाई करते हैं चाहे वह इंजीनियरिंग हो गया, चाहे वह मेडिकल हो गया या फिर किसी भी बड़े लेवल की पढ़ाई। तो उन्हें एक चीज और देखने को मिलती है बैंक के साथ उन्हें ग्रेस शब्द भी सुनने को मिलता है, तो इसका मतलब क्या होता है बहुत सारे छात्र के मन में यह प्रश्न रहता है जिसे मैंने आगे आप लोगों को विस्तार से बताया है।


  जब कोई छात्र किसी सब्जेक्ट में ग्रेस से पास होता है इसका मतलब यह है कि उस छात्र का उस सब्जेक्ट में पासिंग मार्क्स से कुछ नंबर कम आए थे जो नंबर कम आए थे उसे उसके कॉलेज द्वारा दे दिया गया है जिसे हम लोग ग्रेस मार्क्स भी करते हैं और इसकी सहायता से वह छात्र उस विषय में पास हो जाता है जिसको हम लोग कहते हैं कि छात्र ग्रेस मार्क से उस विषय में पास हुआ है। 


  अगर कोई छात्र ग्रेस मार्क से किसी विषय में पास हुआ है तो वह उस विषय का दोबारा पेपर नहीं दे सकता क्योंकि उसे ग्रेस मार्क्स के द्वारा पास कर दिया गया है।


🔴 ग्रेस कब लगता है? ( Grace kab Lagta Hai ) :-


 ⏩  दोस्तों मैंने अभी आपको ऊपर बताया कि ग्रेस कैसे लगता है? और ग्रेस क्या होता है? अब मैं आपको बताने वाला हूं कि यह कब लगता है।


⏩  दोस्तों ग्रेस सम सेमेस्टर की परीक्षाओं में लगता है जैसे 2nd , 4th , 6th सेमेस्टर और इसका आप लोगों को दोबारा परीक्षा देने का भी मौका नहीं मिलता है।



🔴 बैक और ग्रेस में क्या अंतर है ? ( Diffrance Between Back and Grace ) :-


  दोस्तों मैं आप लोगों को कुछ पॉइंट में बैक और ग्रेस में अंतर को समझाने की नीचे कोशिश किया हूं।


 ⏩  बैंक और ग्रेस दोनों ही मेडिकल, इंजीनियरिंग जैसे संस्थाओं से संबंधित शब्द है जो छात्रों के परीक्षाफल से जुड़ा हुआ हैं।


⏩  बैंक :- जब कोई छात्र किसी विषय में कम नंबर पता है यानी कि जब किसी छात्र का पासिंग मार्क्स से कब नंबर आता है तो  उस छात्र का उस विषय में बैक लग जाता है। जबकि रिजल्ट आने के समय अगर किसी सब्जेक्ट में किसी छात्र को कॉलेज के द्वारा 2/3/4/... नंबर दिए गए हो उसके विषय में जिससे वह पास हो गया हो तो जब इस तरीके से कोई छात्र पास होता है तो कहा जाता है कि छात्र का उस विषय में ग्रेस लगा है। 


⏩ बैक हमेशा 1st , 3rd , 5th  सेमेस्टर यानी कि विषम सेमेस्टर परीक्षाओं में देखने को मिलता है।

 जबकि ग्रेस हमेशा  2nd , 4th , 6th  समेस्टर परीक्षाओं में देखने को मिलता है।


 ⏩ छात्रों को बैक पेपर दोबारा से देने का मौका मिलता है, जबकि छात्र ग्रेस पेपर को दोबारा से नहीं दे सकता।

 ⏩ ज्यादातर संस्थाओं में छात्र के फाइनल मार्कशीट में बैक पेपर शो नहीं करता है जबकि ग्रेस पेपर छात्रों के फाइनल मार्कशीट में शो करता है।

 


  दोस्तों ऊपर मैंने आपको बताया कि बैक क्या होता है? यह कब लगता है, ग्रेस क्या होता है? और यह कब लगता है, साथ में ही मैंने आपको यह भी बताया कि इन दोनों में क्या क्या अंतर है। इतना जानने के बाद आप खुद से यह अनुमान लगा सकते हैं कि इन दोनों में सबसे अच्छा क्या है। 

 फिर भी दोस्तों अगर आप लोगों के मन में इसको लेकर प्रश्न है तो मैं अपने तरफ से आप लोगों को कुछ सुझाव देना चाहूंगा जैसे कि मैंने अभी ऊपर आप लोगों को एक पॉइंट में बताया कि बैक पेपर आप लोगों के फाइनल मार्कशीट पर शो नहीं करता है जबकि ग्रेस पर आप लोगों के फाइनल मार्कशीट पर शो करता है इसलिए दोस्तों इस पॉइंट को लेकर ही ज्यादातर छात्रों का और सुझाव देने वालों का यही आशा रहता है कि कोई भी स्टूडेंट्स का किसी विषय में ग्रेस ना लगे ताकि जब वह अपने फाइनल मार्कशीट को देखें तो उसे किसी प्रकार का ग्रेस ना दिखे इसीलिए कहा जाता है दोस्तों की बैक लग जाए तो अच्छा है लेकिन किसी विषय में ग्रेस ना लगे।


दोस्तों आपको मेरे द्वारा बताए गए इन बातों को आप लोगों को कितना फायदा हुआ हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताइएगा और इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ व्हाट्सएप फेसबुक जैसे अन्य सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करिएगा अगर इस से रिलेटेड आप लोगों का कोई भी क्वेश्चन हो, कोई भी सुझाव हो तो आप लोग हमें नीचे कमेंट करके बता सकते हैं पोस्ट पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।





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