Measurement ( मापन )
Introduction ( परिचय ) :- किसी भौतिक राशि को मापने के लिए एक मानक मात्रक की आवश्यकता होती है किसी भौतिक राशि का मापन निम्न दो भागों में व्यक्त किया जाता है,
(i) आंकिक मान ( Numerical Value) :- जो उस राशि के परिमाण को प्रदर्शित करता है अर्थात यह बताता है कि उस राशि में उसका मात्रक कितनी बार सम्मिलित है अंकित मान कहलाता है।
(ii) मात्रक ( Units) :- राशि के मात्रक का नाम जिसमें वह भौतिक राशि मापी जाती है किसी भौतिक राशि का अंकित मान उसके मात्रक के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
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Measurement Chapter 1 |
राशियां तथा मात्रक ( Quantities and Units )
• मूल राशियां तथा मूल मात्रक ( Fundamental Quantities and Fundamental Units )
वे भौतिक राशियां जो एक दूसरे से स्वतंत्र होती हैं मूल राशियां कहलाती है लंबाई , द्रव्यमान , समय , विद्युत धारा , ताप , ज्योति तीव्रता तथा पदार्थ की मात्रा मूल राशियां है,
मूल राशियों को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त मात्रक मूल मात्रक कहलाते हैं मीटर , किलोग्राम , सेकंड , केल्विन, कैंडीला , एंपियर तथा मोल मूल मात्रक है।
• प्रकाश वर्ष ( Light Year )
प्रकाश वर्ष की दूरी का मात्रक है निर्वात में प्रकाश द्वारा 1 वर्ष में चली गई दूरी को प्रकाश वर्ष कहते हैं।
1 प्रकाश वर्ष = 9.46 × 10¹⁵ मीटर
= 10¹³ किलोमीटर (लगभग)
• मानक सेकंड (Standard Second )
1 सेकंड = परमाणु घडी में सीजियम -133 के परमाणु द्वारा 9,192,631.770 बार कंपन करने में लगा समय ।
• माध्य सौर दिवस ( Mean Solar Day )
1 वर्ष के सभी सौर दिवस के औसत को माध्य सौर दिवस कहते हैं एक माध्य सौर दिवस 86400 सेकंड के बराबर होता है।
अर्थात एक सेकंड = 1/86400 माध्य सौर दिवस
• यथार्थता की सीमा ( Limitation Of Accuracy )
किसी यंत्र की यथार्थता सीमा उस यंत्र के अल्पतमांक पर निर्भर करती है किसी यंत्र का अल्पतमांक जितना न्यूनतम होगा , उसके द्वारा मापी गई माप उतनी ही यथार्थ होगी।
• सार्थक अंक ( Significant Figures )
किसी माप को जितने अंकों में शुद्ध रूप में प्राप्त किया जा सकता है अर्थात उन अंकों की संख्या को जिनके द्वारा किसी राशि को निश्चित रूप से व्यक्त किया जा सकता है , सार्थक अंक कहते हैं।
किसी माप में सार्थक अंकों को ज्ञात करने के लिए अग्रलिखित बातें ध्यान में रखते हैं।
1) 10 की घातो के गुणनफल का सार्थक अंकों की संख्या पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है । जैसे - 8.2 × 10 ⁴ में सार्थक अंकों की संख्या 2 है।
2) दो अशुनय अंकों के बीच सभी शून्य अंक सार्थक होते हैं। जैसे - 50.002 में 5 सार्थक अंक है।
3) यदि दशमलव बिंदु के पहले शून्य अंक नहीं है तो दशमलव के तुरंत बाद के शून्य अंको को छोड़कर सभी अंक सार्थक होते हैं।
जैसे - 0.024 तथा 0.07284 में क्रमशः 2 तथा 4 सार्थक अंक है।
4) यदि दशमलव से पहले कोई अशुन्य अंक है तब दशमलव के तुरंत बाद के शून्य अंक भी सार्थक होते है । जैसे - 8.00240 में 6 तथा 7.450 × 10⁵ में 4 सार्थक अंक है।
5) जुड़ते तथागत आते समय किसी भी राशि में दशमलव बिंदु के बाद जितने कम अंक होते हैं प्रत्येक माह में दशमलव के बाद उतने ही सार्थक अंक रखने चाहिए जैसे - 84.3 + 24.32 + 1.234 + 0.543 का सार्थक अंकों का योग = 84.3 + 24.3 + 1.2 = 110.3 है।
6) विभिन्न मापो की गुणा भाग करने पर प्राप्त गुणनफल तथा भागफल में केवल उतने ही सार्थक अंक रखने चाहिए जितने की सबसे कम सार्थक अंकों वाली माप में है।
Practice Question ( अभ्यास प्रश्न )
1) बालू के कण की त्रिज्या 1.6 × 1/10⁴ मीटर है , इस कण की त्रिज्या एंजेस्ट्राम में होगी ।
a) 1.6 × 10⁶ Å
b) 1.5 × 10⁶ Å
c) 1.4 × 10⁶ Å
d) 1.2 × 10⁶ Å
Right Answer :- (a) 1.6 × 10⁶ Å
2) एक मिनट में माइक्रो सेकंड होते है
a) 7× 10⁷ माइक्रो सेकंड
b) 6 × 10⁷ माइक्रो सेकंड
c) 5 × 10⁷ माइक्रो सेकंड
d) 8 × 10⁷ माइक्रो सेकंड
Right Answer :- (b) 6 × 10⁷ माइक्रो सेकंड
3) एक जीवाणु का आकार 1 माइक्रोन है। 1 मीटर लम्बाई में जीवाणुओं की संख्या होगी ?
a) 10³
b) 10⁶
c) 10⁹
d) 10²
Right Answer :- (b) 10⁶
4) किसी तारे से पृथ्वी तक प्रकाश आने में 5 वर्ष लगते है , तारे की पृथ्वी से दूरी किमी में होगी।
a) 3 × 10⁸
b) 15 × 10⁸
c) 4.73 × 10¹³
d) 9.3 × 10¹²
Right Answer :- (c) 4.73 × 10¹³
5) एक माइक्रोन में एंजेस्ट्रेम की संख्या होती है
a) 10⁴
b) 10⁶
c) 10⁹
d) 10¹⁰
Right Answer :- (a) 10⁴
Imp Note :- इसमें समय के साथ प्रश्नों की संख्या को और जोड़ा जाएगा इसलिए इसे आप समय समय पर चेक करते रहे और अपने तैयारी को बेहतर बनाए।