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IMED Introduction || 5th Semester

IMED :- Industrial Management and Entrepreneurship Development 
( औद्योगिक प्रबंध एवं उद्यमिता विकास )
Introduction ( परिचय )

दोस्तों आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आईएमईडी (IMED ) के Introduction के बारे में जानेंगे और इससे संबंधित जितने भी प्रश्न आपके एग्जाम में आते हैं उन सभी को देखेंगे। अगर आप भी Industrial Management and Entrepreneurship Development Imp Questions के सभी प्रश्नों को जानना चाहते हो तो इसे पूरा जरूर पढ़ें।


1) उधमिता से क्या आशय है?

Ans:- पिछड़े अविकसित तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पर उद्योग स्थापित करने के लिए उचित औद्योगिक वातावरण वांछनीय हो तो ऐसे स्थानों पर नए व अनुभवहीन व्यक्ति द्वारा उद्योग धंधे स्थापित करने अथवा किसी अन्य नए उद्योग या व्यवसाय को प्रारंभ करने का साहस व उपक्रम करना ही उधमिता या उद्यमशीलता कहलाता है।


2) उद्यमी के कोई दो कार्य लिखिए।

Ans:- उद्यमी के कार्य निम्नलिखित है।

(i) वह सदैव नई खोजों की तलाश में रहता है।

(ii) मैं उत्पादन के विभिन्न क्रियाकलापों में सामंजस्य स्थापित करता है।


3) क्रिस्टोफर के अनुसार उद्यमी के कोई दो गुण लिखिए।

Ans:- उद्यमी के गुण निम्नलिखित है;

(i) कठोर परिश्रमी तथा प्रयत्नशील होना चाहिए।

(ii) समय अनुसार स्वयं को ढालने वाला होना चाहिए।


4) साझेदारी कितने प्रकार से बनाई जाती है।

Ans:- साझेदारी निम्नलिखित दो प्रकार से बनाई जाती है।

(i) मौखिक अनुबंध द्वारा 

(ii) लिखित अनुबंध द्वारा 


5) एकल स्वामित्व ( Sole Proprietorship ) को परिभाषित कीजिए।

Ans:- एकल स्वामित्व ( Sole Proprietorship ) :- एक प्रकार का व्यवसायिक संगठन है इसका अर्थ है एक व्यक्ति का स्वामित्व अर्थात एक ही व्यक्ति व्यवसाय का स्वामी होता है इस प्रकार एकल स्वामित्व व्यापार संगठन है इसमें एक ही व्यक्ति स्वामी होता है और व्यवसाय से संबंधित सभी कार्यक्रमों का प्रबंधन और नियंत्रण उसी के हाथ में होता है एकल व्यवसाय के स्वामी और संचालक एकल स्वामी या एक कल व्यवसाई कहलाते हैं एकल व्यवसाई अपने व्यवसाय से संबंधित सभी साधनों को जुटाकर उन्हें योजना बंद ढंग से व्यवस्थित करता है तथा लाभ कमाने के एकमात्र उद्देश्य से सारी गतिविधियों का संचालन करता है।


6) साझेदारी ( Partnership ) से आप क्या समझते हैं? 

Ans:- साझेदारी दो या दो से अधिक व्यक्तियों की वह संस्था है इसमें वह अपनी स्वतंत्र इच्छा से किसी व्यापार को वैधानिक रूप से चलाने अपना स्वामित्व रखने तथा उसमें होने वाले सामूहिक लाभ को प्राप्त करने के लिए निजी धन-संपत्ति श्रम तथा कुशलता का सामूहिक उपयोग करते हैं इस प्रकार जिस व्यापार के दो या दो से अधिक स्वामी होते हैं तथा उनका आपस में निश्चित व्यापारिक समझौता होता है उसको साझेदारी कहेंगे समझौते की सफलता साझेदारी के आपसी सहयोग में विश्वास पर निर्भर करता है;

 भारतीय साझेदारी अधिनियम , 1932 अनुसूची 4 के अनुसार साझेदारी ऐसे व्यक्तियों का समूह है जो परस्पर किसी व्यवसाय के लाभ में भाग लेने हेतु संगठित हो जिस का संचालन वे सब अथवा उनमें से उनका एक प्रतिनिधि बनकर करता हो।

 जो व्यक्ति व्यवसाय में भाग लेते हैं उनको साझेदार कहा जाता है और संस्था को फार्म कहते हैं कंपनी अधिनियम के अनुसार बैंकिंग व्यवसाय के लिए साझेदारी की अधिकतम संख्या 10 या दूसरे व्यवसाय के लिए 20 तक सीमित रखी गई है साझेदारी दो प्रकार से बनाई जा सकती है;

(i) मौखिक अनुबंध द्वारा , (ii) लिखित अनुबंध द्वारा।


7) TBI ( Technology Business Incubator ) क्या है? 

Ans:- TBI ( Technology Business Incubator ) एक प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर (टीबीआई) एक प्रकार का व्यवसाय इनक्यूबेटर है,  टी बी आई का काम स्टार्टअप्स को समर्थन देने पर ध्यान केंद्रित करता है जो इनोवेशन के प्राथमिक साधनों के रूप में आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करते हैं; भारत चीन और फिलिप्स सहित कई देशों में टीबीआई को समर्थन देने के लिए सरकार की पहल की गई है प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर के शीर्षक के तहत संगठनों को अक्सर राष्ट्रीय सरकार से धन या अन्य प्रकार के समर्थन प्राप्त होते हैं।


8) एमएसएमई ( MSME ) क्या है?

Ans:- MSME ( Micro , Small ,And Medium Enterprisers ) भारत सरकार के सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय के द्वारा एमएसएमई उद्योग के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं देश में मौजूद जो भी सूक्ष्म , छोटे और मध्यम उद्योग से संबंधित नियम , विनियम और कानून है तथा आवश्यकता होने पर नए कानूनों के निर्माण के लिए यह मंत्रालय सर्वोच्च निकाय या संस्था है हर देश की आर्थिक मजबूती , उम्मीद और व्यवसाय युवा उद्यमी पर ज्यादा निर्भर रहती है भारत सरकार छोटे बड़े व्यापारिक संगठनों को उनके व्यापार में कठिनाई का सामना ना करना पड़े इस बात का ध्यान रखते हुए उन्हें एमएसएमई में आसानी से पंजीकरण करने की सुविधा प्रदान करती है।

एमएसएमई निवेश के लिए एक छोटे आकार की एक संस्था है जिसमें कुशल और अकुशल व्यापारी हो सकते हैं जो बड़ी संस्था में बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदान करके भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अपनी अच्छी भूमिका निभाते हैं यह निर्यात के चित्र में योगदान निर्माण क्षेत्र को बढ़ाना और कच्चे माल बुनियादी सामान आपूर्ति के द्वारा बड़े उद्योगों को समर्थन प्रदान करते हैं भारत सरकार एमएसएमईडी अधिनियम 2006 के तहत पंजीकृत कंपनियों या व्यापार के माध्यम से विभिन्न योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी देती है।

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Conclusion :- 

उम्मीद है, दोस्तों आप सभी लोगों ने क्वेश्चंस को पढ़ लिया होगा यह सभी प्रश्न आपके आने वाले सेमेस्टर एग्जाम के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है तो इन्हें आप लोग एग्जाम से पहले जरूर देखें इसे अपने सभी दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें ताकि उनको भी , इसका लाभ मिल सके पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

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