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ईधन एवं स्नेहक ( Fuel And Lubricants ) : Applied Chemistry

ईधन एवं स्नेहक ( Fuel And Lubricants ) || Semester Exam Most Imp Question || Applied Chemistry

दोस्तो आज की इस पोस्ट में हम लोग ईंधन एवं स्नेहक ( Fuel And Lubricants ) के महत्वपूर्ण प्रश्न देखने वाले हैं जो कि आपके आने वाले सेमेस्टर एग्जाम के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है साथ ही यह क्वेश्चन प्रीवियस ईयर में भी पूछे जा चुके हैं तो इन सभी प्रश्नों को आप तैयार जरूर करें।

Applied Chemistry Most Imp Question Part :-:1


1) तेल गैस को किसके भंजन से प्राप्त किया जाता है?

Ans:- केरोसिन तेल के।

2) डीजल तेल का गुणवत्ता नियंत्रण किस से किया जाता है?

Ans:- सीटेन संख्या से।

3) पेट्रोल का गुणवत्ता नियंत्रण किस से किया जाता है?

Ans:- ऑक्टेन संख्या से।

4) सीएनजी का पूर्ण रूप लिखिए :-

Ans:- कंप्रेस्ड नेचुरल गैस।

5) सार्वभौमिक स्नेहक ( Universal Lubricants ) है?

Ans:-  पैट्रोलियम ईथर

6) ईंधन की परिभाषा दीजिए।

Ans:- ईंधन ( Fuel ) :- वह पदार्थ जो वायु या अक्सीजन में जलकर उस्मा एवं प्रकाश उत्पन्न करते हैं कि धन कहलाते हैं उदाहरण कोयला लकड़ी मिट्टी का तेल तथा पेट्रोल इत्यादि।

7) आदर्श ईंधन किसे कहते हैं?

Ans:- आदर्श ईंधन ( Ideal Fuel ) :- वह ईंधन जिस का उष्मीय मान उच्च हो, जो सस्ता हो और आसानी से उपलब्ध हो सके आदर्श ईंधन कहलाता है।

8) भंजन को परिभाषित कीजिए।

Ans:- भंजन ( Cracking ) :-  भंजन वह प्रक्रम है जिसमें ताप के अनुप्रयोग से उच्च क्वथनांक वाले हाइड्रोकार्बन से निम्न क्वथनांक वाले हाइड्रोकार्बन प्राप्त किए जाते हैं।

9) बायोगैस से आप क्या समझते हैं?

Ans:- बायोगैस ( Biogas ) :-  कार्बनिक पदार्थ का वायु की अनुपस्थिति में अवायुजीवी ( Anaerobic Bacteria )  द्वारा अपघटन होने पर उत्पन्न होने वाली गैस को बायोगैस कहते हैं।

10) ऑयल गैस क्या है?

Ans:-  ऑयल गैस ( Oil Gas ) :-  मिट्टी के तेल ( केरोसिन तेल ) के भंजन से प्राप्त होने वाली गैस ऑयल गैस कहलाती है यह गैस प्रयोगशाला गैस के रूप में अत्यधिक काम आती है।

11) जिस समय प्रोड्यूसर गैस बनाई जाती है तो उसे उसी समय प्रयोग में लाना क्यों आवश्यक है?

Ans:- प्रोड्यूसर गैस को बनाते ही प्रयोग में लाना चाहिए अन्यथा इसके जलने से अत्यंत उच्च ताप प्राप्त होता है।

12) स्नेहक की परिभाषा दीजिए।

Ans:- स्नेहक ( Lubricants ) :- वह पदार्थ जो दो विपरीत दिशा में गति करने वाली धातुओं की सतहों के मध्य तह बनकर उनके सीधे संपर्क को रोकते हैं और उनकी गति के कारण उत्पन्न घर्षण एवं अन्य दोषों को कम करते हैं स्नेहक कहलाते हैं।

13) श्यानता को परिभाषित कीजिए।

Ans:- श्यानता ( Viscosity ) :-  श्यानता स्नेहक का प्रमुख गुण है यह गुण द्रवो के आन्तरिक की घर्षण के कारण होता है स्नेहको का वह गुण जो विभिन्न परतो के मध्य आपेक्षिक गति का विरोध करता है, श्यानता कहलाता है।

14) स्नेहा को की आवश्यकता पर टिप्पणी कीजिए।

Ans:- धातु संयंत्रों में स्नेहको की आवश्यकता निम्न कार्यों के लिए होती है -

(i) घर्षण कम करना।

(ii) टूट-फूट कम करना।

(iii) ऊर्जा की बचत करना। 

(iv) शीतक प्रभाव उत्पन्न करना। 

(v) कुशन प्रभाव उत्पन्न करना।

(vi) ध्वनि को कम करना।

(vii) कंपन तथा झटके कम करना।

(viii) मशीनों का जीवनकाल बढ़ाना।

(ix) अशुद्धियों को पृथक करना। 

(x) प्रभावी सील प्रदान करना।

15) स्नेहको का वर्गीकरण कीजिए।

Ans:- स्नेहको का वर्गीकरण ( Classification of lubricants ) :- स्नेहको को उनकी  भौतिक अवस्था के आधार पर मुख्यतः तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है-

(i) ढोस स्नेहक ( Solid Lubricants ) :- ग्रेफाइट, मॉलीब्डेनम डाईसल्फाइड, सोप स्टोन, माइका आदि।

(ii) अर्द्ध ठोस स्नेहक :- ग्रीस तथा वेसलीन।

(iii) द्रव स्नेहक :- वनस्पति तथा जंतु तेल, पेट्रोलियम तेल, मिश्रित तेल।


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